गाँधी और भगत सिंह का नाम बेचने वालो तुमको भारत भाग्य विधाते कौन कहेगा ? अचरज होता है जब नेताओं की दूसरी तीसरी चौथी पौध को दुशासन सम्भ्ल्वाने के लिए कमर कसी जाती देखता हूँ .
बन्दर बाँट में भारत खा कर डकार भी न मारने वाले भारत भाग्य विधाताओं का भाषण सुनो तो अमूल चूल परिवर्तन बेशक न करना एक शब्द को बदल कर फिर से व्ही भाषण सुन लिया जाये तो आप भी महसूस करोगे की ये नेता लोग झूटे भाषण नही देते हैं . आप सिर्फ ये करना जितनी बार वो शब्द विकास बोलें , आप उस विकास को निकाल कर शब्द विनाश भरते जाना है .
आप स्वयम कहोगे की हमारे नेता तो झूठ नही बोलते .
लेकिन हम कुछ नही कहे गा , हम बोलेगा तो.....
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